प्रेमछाया मार्ग चौड़ीकरण की अंतिम बाधा भी दूर, कोर्ट ने स्टे हटाया

उज्जैन | प्रेमछाया से बहादुरगंज मार्ग चौड़ीकरण की अंतिम बाधा भी गुरुवार को दूर हो गई है। छाया कोठारी की ओर से लगी याचिका को अपर जिला न्यायालय द्वारा बुधवार को निरस्त किए जाने के बाद नगर निगम ने गुरुवार को विवादित जमीन पर सड़क निर्माण शुरु कर दिया।

नगर निगम के अभिभाषक कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि चामुंडा माता मंदिर के पीछे स्थित प्रेमछाया की 40 गुना 200 वर्ग फीट जमीन के पांच हिस्सेदार थे। नगर निगम प्रशासन ने मार्ग निर्माण के लिए यह जमीन अधिग्रहित कर ली थी। निगम प्रशासन ने चार मालिकों के अधीन रही जमीन पर तो सड़क निर्माण शुरू कर दिया, मगर एक हिस्सेदार छाया कोठारी के अधीन छोर वाली 160 वर्गफीट जमीन पर नहीं। वजह छाया कोठारी को कोर्ट से जमीन पर स्थगन आदेश मिलना रही। स्थगन आदेश के तकरीबन दो वर्ष बाद जिला न्यायालय ने बुधवार को याचिका निरस्त कर दी और स्टे हटा दिया। इसी के साथ निगम ने अगले ही दिन संबंधित जमीन पर सड़क निर्माण शुरु कर दिया। इस प्रकार अब प्रेमछाया परिसर से मस्तराम अखाड़े तक की भूमि के संबंध में अब कोई वैधानिक बाधा नहीं रही है। सड़क निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। मालूम हो कि छाया कोठारी इसके पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगा चुकी थीं मगर उनकी याचिका निरस्त कर दी गई थी।

महापौर के निर्देश- 10 दिन में काम खत्म करो

प्रेमछाया मार्ग से स्टे हटने के बाद महापौर मीना जोनवाल ने जोन क्रमांक 3 के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक अफसरों संग की। उन्होंने प्रेमछाया परिसर से बहादुरगंज चौराहे तक मार्ग निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि 10 दिन में काम खत्म करो। उन्होंने बहादुरगंज से एटलस चौराहे तक प्रस्तावित मार्ग चौड़ीकरण अंतर्गत भाटगली में बिजली के पोल शिफ्ट करने के लिए अपने मद से 4 लाख रुपए स्वीकृत किए। क्षेत्रीय पार्षद सत्यनारायण चौहान ने मार्ग में पेबर ब्लॉक लगाने के लिए 20 लाख रुपए मंजूर किए। लक्कड़गंज स्थित कम्युनिटी हॉल के द्वितीय तल की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का लोकार्पण करने के निर्देश दिए। बैठक में जोनल अधिकारी पीयूष भार्गव, सहायक यंत्री नरेश जैन, पीआरओ प्रदीप सेन, ज्योत्सना उबनारे, राजेंद्रसिंह रावत आदि मौजूद थे।

Leave a Comment